Wednesday, May 06, 2015

तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है-2

तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।

नाज़ुक मोड़ पे खड़े रिस्तो को
रेशमी धागों से जोड़ती है।
सुन्न पड़े भावो में जीवन
के सुर टटोलती है।

तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।

खोल उन पन्नो को, जिनकी सिर्फ़ यादे बची,
थमी-सी जिंदगी में प्राण घोलती है,
और जीवंत हो उठता है तन-मन मेरा;
छोटी ही सही वो पल मोल की है।

तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।

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