रोते हैं हम, लेकिन
सिसकियाँ दबा लेते हैं
एक हलकी मुस्कान
होटों पे सजा लेते हैं |
दिल का दर्द, हम कहें किससे
खुद को ही समझा लेते हैं |
उठते इस तूफान को दिल में समेटे हुए
खुद ही जलजले का मज़ा लेते हैं |