Monday, February 23, 2015

कोई भुला आज याद आ रहा हैं

कोई भुला आज याद आ रहा हैं
दिल थम-थम के डूबा जा रहा हैं
वो कौन सा सिरा हैं ऊन नज़रों का
जो रह-रह के चुभा जा रहा हैं

कोई भुला आज याद आ रहा हैं
दर्द नहीं, फिरभी मन दुःखा जा रहा हैं
सपनों का कौन सा परिंदा,
पिंजड़ा तोड़ उड़ा जा रहा हैं

कोई भुला आज याद आ रहा हैं

Sunday, February 22, 2015

मेरे मौला, तेरी इबादत में जो झुका

मेरे मौला,
तेरी इबादत में जो झुका
हैं सर मेरा
वो कभी उठने ना पाए

खुबशुरत हैं बस तेरा चेहरा
जिसे कभी देखा भी नहीं,
लेकिन नज़रे कभी हटने ना पाए

फ़ना हो जाये पतंगा
तेरे इश्क में मालिक
यह आग कभी बुझने ना पाए

तेरी ही चाहत दिन-रात रहे
कोई आरज़ू दूसरी,
देखो सटने ना पाए 

समंदर की राह तक-तक
घुल रहा बूंद, देखों 
यह साबुत बचने ना पाए

Saturday, February 21, 2015

जाने किस तरफ मुड़ी हैं जिंदगी

जाने किस तरफ मुड़ी हैं जिंदगी
की चलते हुए भी खड़ी हैं जिंदगी
दरमियाँ घटा हैं कहीं,
और कहीं फासलों की हैं जिंदगी 

कभी रगों के लहू से टपकी

कभी रगों के लहू से टपकी, तो कभी बदन के पसीने से। कभी थरथराते होटों से, तो कभी धधकते सीने से।  टपकी है हर बार, आजादी, यहाँ घुट-घुट के जीने स...