बड़ी अजीब बात हैं
बातों का ही साथ हैं
मन सोचता बड़ी बात हैं
पर बातों का क्या औकात हैं
दहक-दहक के जलती रात हैं
और साथ जलती ये बात हैं
कि अकेली रात हैं
कहने को तारों का साथ हैं
दिल में तन्हाई की विसात हैं
जंग का आगाज़, जंग की बात हैं