आज दस सालों बाद भी ये ख्याल आता हैं,
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं,
यूँ तो जुबां पे उनका नाम नहीं हैं
पर रह-रह के ये सवाल आता हैं
कि आख़िर क्यूँ उनका ख्याल आता हैं.
मुड़ गए वो तो एक मोड़ पे, जाने क्यूँ
ये याद हर साल आता हैं
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं.
कहते नहीं हम कुछ भी महफिल में
क्यूँकि जुबान पे सिर्फ़ दिल का हाल आता हैं
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं.
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं,
यूँ तो जुबां पे उनका नाम नहीं हैं
पर रह-रह के ये सवाल आता हैं
कि आख़िर क्यूँ उनका ख्याल आता हैं.
मुड़ गए वो तो एक मोड़ पे, जाने क्यूँ
ये याद हर साल आता हैं
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं.
कहते नहीं हम कुछ भी महफिल में
क्यूँकि जुबान पे सिर्फ़ दिल का हाल आता हैं
कि आज भी उनका ख्याल आता हैं.