आवाज़ मेरी तुम तक पहुँचे
ऐसी फ़रियाद करता हूँ.
कभी ज्यादा, कभी कम,
तुम्हें हर दम, याद करता हूँ
मिलोगी तुम किसी मोड़ पे,
तेरा इंतज़ार हर मोड़ के बाद करता हूँ
कुछ हैं जिंदगी में जो नहीं है,
तेरे सपनों से उस जहाँ को आबाद करता हूँ
ऐसी फ़रियाद करता हूँ.
कभी ज्यादा, कभी कम,
तुम्हें हर दम, याद करता हूँ
मिलोगी तुम किसी मोड़ पे,
तेरा इंतज़ार हर मोड़ के बाद करता हूँ
कुछ हैं जिंदगी में जो नहीं है,
तेरे सपनों से उस जहाँ को आबाद करता हूँ
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