जाड़े की ठंडी तपिश हूँ
ग्रीष्म की गरम चुभन हूँ
आवाज़ की चिलाती मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
दिशा का भ्रमित ठौर हूँ
मन का विचलित शांत हूँ
जीवन का मृतक मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
जल की तरलता का ठोस हूँ
भ्रमर का तृप्त प्यास हूँ
आंधी की व्याकुलता मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
ग्रीष्म की गरम चुभन हूँ
आवाज़ की चिलाती मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
दिशा का भ्रमित ठौर हूँ
मन का विचलित शांत हूँ
जीवन का मृतक मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
जल की तरलता का ठोस हूँ
भ्रमर का तृप्त प्यास हूँ
आंधी की व्याकुलता मौन हूँ
मैं कौन हूँ?
No comments:
Post a Comment