क्यूँ दिल बेक़रार इतना?
क्यूँ दिल बेक़रार इतना?
क्यूँ तेरा इंतज़ार इतना?
टपकती हैं जो आँखों से बूंद बनके
क्यूँ इनमें प्यार इतना?
आशिक़ी के मंज़िल तक पहुँचने में
क्यूँ इस राह में हार इतना?
क्यूँ दिल बेक़रार इतना?
क्यूँ तेरा इंतज़ार इतना?