Thursday, February 06, 2014

अनंत पे टहल रहे

अनंत पे टहल रहे
बादलों
का रंग लाल क्यूँ हैं?
छाई हैं चारों तरफ
लालिमा
कैसी।
यह क्या, कहीं दूर
आसमान
की एक छोर
पर देखो वो
सूरज
डूबा जा रहा हैं,
और घुला जा रहा हैं
समंदर
की नमकीन पानी में।
शायद,
अब रात दूर नहीं।

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