दिल में जो दस्तक तेरा
वो हैं मेहबूब मेरा
हाथ उठा के क्या करूँ इबादत
और सर झुका के क्या सजदा
जब मुझे में तू हैं, तुझमें मैं
फिर बंदा कौन, कौन हैं ख़ुदा
कभी रगों के लहू से टपकी, तो कभी बदन के पसीने से। कभी थरथराते होटों से, तो कभी धधकते सीने से। टपकी है हर बार, आजादी, यहाँ घुट-घुट के जीने स...
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