तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।
खट्टी-मीठी यादों को समेटे
जब अपनी पोटली खोलती है,
एक युग दौड़ जाता आँखों के सामने-
ये कहानियाँ बड़े मोल की है !
तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।
कुछ चढ़ते हुए तराने गा के, तो
कभी डूबते नगमों संग डोलती है।
फासलों का करा एहसास कभी,
कुछ नजदीकियाँ खोलती है।
तस्वीरें बहुत कुछ बोलती है।
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