दिल में कुछ दर्द छुपाए रहते है,
होठों पे एक मुस्कान सजाए रहते है।
रह-रह के बेवफ़ा लगती है जिंदगी,
फिरभी हर वक़्त उसे अपनाए रहते है।
होठों पे एक मुस्कान सजाए रहते है।
रह-रह के बेवफ़ा लगती है जिंदगी,
फिरभी हर वक़्त उसे अपनाए रहते है।
कभी रगों के लहू से टपकी, तो कभी बदन के पसीने से। कभी थरथराते होटों से, तो कभी धधकते सीने से। टपकी है हर बार, आजादी, यहाँ घुट-घुट के जीने स...
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