Friday, October 23, 2015

कही शब्दों का जोड़

कही शब्दों का जोड़,
कभी तस्वीरों की उभार,
हर अभिव्यक्ति मेरी
अंतर्मन का अन्तर्द्वन्द है।
सिमटा हुआ शरीर मेरा,
मन लेकिन स्वछन्द है।

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