उस जहाँ के होते|
उड़ान उसकी बेपरवाह,
आसमां के होते|
उड़ जाऊं मैं, हवाओं में,
ख्वाब-पंख फेलाए चिड़िया सी|
हजारों ख्वाहिशें ऐसी,
जाने कैसी, जाने कैसी|
हैं शर्द मौसम,
गर्म कभी|
हैं जकड़न तो,
नर्म कभी|
तुषार हूँ, तपिश हूँ
मैं ओजस्वी|
हजारों ख्वाहिशें ऐसी,
जाने कैसी, जाने कैसी|
बूंद एक आँखों से
कहते दिल का मर्म,
अदृश्य बूंद दिल के,
प्रेम, नफरत, घृणा या शर्म|
ना इन जैसी हूँ,
मैं एक बूंद ओस की|
हजारों ख्वाहिशें ऐसी,
जाने कैसी, जाने कैसी|
जाने कैसी, जाने कैसी|
बूंद एक आँखों से
कहते दिल का मर्म,
अदृश्य बूंद दिल के,
प्रेम, नफरत, घृणा या शर्म|
ना इन जैसी हूँ,
मैं एक बूंद ओस की|
हजारों ख्वाहिशें ऐसी,
जाने कैसी, जाने कैसी|
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