जिंदगी एक खोज हैं अपनी तरह की,
अनजाने रास्तों और बेगाने मंजिल की|
दे एक खाली कापी, एक स्याही-दवात
सौप दिया हमें किस्मत के हाथ|
खुद ही लिख लो अपनी-अपनी कहानी
अपने शब्द, अपना अर्थ, अपनी जुबानी|
कुछ खड़े रह गए खोये-खोये से,
कुछ लिख गए शब्द जागे-सोये से|
कुछ नया लिखने को उत्प्रेरित हुए,
और कुछ साहसिक लेखक उद्घोषित हुए|
हूँ खड़ा कहाँ मैं,
लगा हूँ यह जाने में|
एक नहीं मैं, शायद, सब हूँ|
हैं इंतज़ार रब की सुनू,
जो रहता मेरे अन्दर हैं
और कहता बहुत धीरे हैं,
कि इस जिंदगी के खोज का
अंत कहाँ और कहाँ सिरे हैं|
अनजाने रास्तों और बेगाने मंजिल की|
दे एक खाली कापी, एक स्याही-दवात
सौप दिया हमें किस्मत के हाथ|
खुद ही लिख लो अपनी-अपनी कहानी
अपने शब्द, अपना अर्थ, अपनी जुबानी|
कुछ खड़े रह गए खोये-खोये से,
कुछ लिख गए शब्द जागे-सोये से|
कुछ नया लिखने को उत्प्रेरित हुए,
और कुछ साहसिक लेखक उद्घोषित हुए|
हूँ खड़ा कहाँ मैं,
लगा हूँ यह जाने में|
एक नहीं मैं, शायद, सब हूँ|
हैं इंतज़ार रब की सुनू,
जो रहता मेरे अन्दर हैं
और कहता बहुत धीरे हैं,
कि इस जिंदगी के खोज का
अंत कहाँ और कहाँ सिरे हैं|
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