भगवान हूँ,
शैतान हूँ,
तुम्हारी संतान हूँ,
जग, कर मेरी जय|
मेरा परिचय|
पाषाण हूँ,
परेशान हूँ,
आखिर इंसान हूँ|
लगता मुझको भय|
मेरा परिचय|
वरिष्ठ हूँ,
बलिष्ठ हूँ,
मैं कर्मनिष्ठ हूँ|
उर मेरा तेज़मय|
मेरा परिचय|
आक्रांत हूँ,
शांत हूँ,
क्यूँ भ्रांत हूँ?
नहीं कोई आश्रय|
मेरा परिचय|
प्रेम हूँ,
नर्म हूँ,
शीतल कभी, गर्म हूँ|
ऐसा मैं अज्ञेय|
मेरा परिचय|
शैतान हूँ,
तुम्हारी संतान हूँ,
जग, कर मेरी जय|
मेरा परिचय|
पाषाण हूँ,
परेशान हूँ,
आखिर इंसान हूँ|
लगता मुझको भय|
मेरा परिचय|
वरिष्ठ हूँ,
बलिष्ठ हूँ,
मैं कर्मनिष्ठ हूँ|
उर मेरा तेज़मय|
मेरा परिचय|
आक्रांत हूँ,
शांत हूँ,
क्यूँ भ्रांत हूँ?
नहीं कोई आश्रय|
मेरा परिचय|
प्रेम हूँ,
नर्म हूँ,
शीतल कभी, गर्म हूँ|
ऐसा मैं अज्ञेय|
मेरा परिचय|
1 comment:
shaandar rarichay diya aapne
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