जिंदगी बीत जाये रूठे को मनाने में
कहीं देखा हैं ऐसा प्यार ज़माने में ?
हम तो नहीं यकीन करते जताने में,
कि क्या रखा हैं प्यार बताने में |
हम सिरफिरे, विश्वास करते कर जाने में,
तैर के जाने में या फिर डूब के मर जाने में |
हौसला बुलंदी चढ़ा हमारा, इश्क के पैमाने में,
मजा ही क्या जो ना टपका छलक जाने में |
कहीं देखा हैं ऐसा प्यार ज़माने में ?
हम तो नहीं यकीन करते जताने में,
कि क्या रखा हैं प्यार बताने में |
हम सिरफिरे, विश्वास करते कर जाने में,
तैर के जाने में या फिर डूब के मर जाने में |
हौसला बुलंदी चढ़ा हमारा, इश्क के पैमाने में,
मजा ही क्या जो ना टपका छलक जाने में |
2 comments:
... बेहतरीन!!!
sahii kahaa apne मजा ही क्या जो ना टपका छलक जाने में ..........achchha lagaa padhkar
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